1971 की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई एक ऐतिहासिक युद्ध -

1971 की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई एक ऐतिहासिक युद्ध

1971 की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई एक ऐतिहासिक युद्ध

पृष्ठभूमि-  9 दिसंबर 1971 पाकिस्तान ऑपरेशन chengiz khan लॉन्च करता hai। भारत के कई एयर फील्ड पर बम गिराए जाते हैं। पाकिस्तानी एयरफोर्स के द्वारा अमृतसर पठानकोट जोधपुर आगरा अंबाला श्रीनगर सब मिलकर 11 एयर फील्ड

 पर हमला किया जाता है। पीएम इंदिरा गांधी रेडियो पर एक मैसेज जाहिर करती हैं देश की जनता के लिए यह कहती है कि इंडिया के खिलाफ एक जंग छेड़ दी गई है कुछ इस तरीके से जंग की शुरुआत होती है इंडिया-पाकिस्तान की 1971 की युद्ध एक ऐसी वार जिसके अंत में एक नए देश का जन्म होता है जिसका नाम है बांग्लादेश।

बांग्लादेश का जन्म कैसे हुवा 

1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान बना, जिसमें दो हिस्से थे: पश्चिम पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश)।दोनों हिस्सों के बीच हजारों किलोमीटर की दूरी थी और सांस्कृतिक, भाषाई व आर्थिक भेदभाव भी था।

25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना ने ढाका में ऑपरेशन “सर्चलाइट” चलाया, जिसमें हजारों लोगों को मारा गया।

इसके बाद 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश ने स्वतंत्रता की घोषणा की।इसके बाद नौ महीने तक बांग्लादेश मुक्ति संग्राम चला।

1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) की पार्टी अवामी लीग ने बहुमत हासिल किया।

पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) की सरकार ने सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर दिया, जिससे पूर्वी पाकिस्तान में भारी असंतोष फैल गया।

लगभग 1 करोड़ शरणार्थी भारत में आ गए, जिससे भारत पर आर्थिक और सामाजिक दबाव बढ़ा।About 1 crore refugees came to India, which increased economic and social pressure on India.

भारत का हस्तक्षेप

भारत ने पहले राजनयिक समाधान की कोशिश की, लेकिन जब हालात नहीं सुधरे तो दिसंबर 1971 में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप किया।

3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के एयरबेस पर हमला किया, जिससे युद्ध औपचारिक रूप से शुरू हो गया।On 3 December 1971, Pakistan attacked India’s airbase, making the war formally began.

युद्ध का परिणाम

युद्ध केवल 13 दिन चला (3 से 16 दिसंबर 1971 तक)।

भारतीय सेना और मुक्ति बाहिनी (बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानी) ने मिलकर ढाका (पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी) पर कब्जा कर लिया।

16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के जनरल नियाज़ी ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने समर्पण किया।

लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया – यह विश्व के इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पणों में से एक है।

परिणाम

बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बना।भारत की सैन्य, कूटनीतिक और नैतिक जीत हुई

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व को वैश्विक स्तर पर सराहा गया।(The leadership of Prime Minister Indira Gandhi was appreciated globally.)

समर्पण की ऐतिहासिक घटना

पाकिस्तानी जनरल ए. ए. के. नियाज़ी ने भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण किया।Pakistani General A. A. Of. Niazi surrendered to Indian Lieutenant General Jagjit Singh Arora.

यह एक ऐतिहासिक क्षण था जिसे “विजय दिवस” के रूप में हर साल भारत में 16 दिसंबर को मनाया जाता है।It was a historical moment that is celebrated in India on 16 December every year as “Victory Day”.

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