मूल अधिकार का विस्तार से विवरण Detailed description of Fundamental Rights
मूल अधिकार क्या है
मूल अधिकार व अधिकार होते हैं हमसे ना सरकार छीन सकती है ना कानून छीन सकती है हम उसे मूल अधिकार कहते हैं यह अधिकार हमसे पब्लिक भी नहीं छीन सकती है यह जीवन जीने के लिए एकदम जरूरी है और इसे कानूनी अधिकार इसलिए नहीं कहा जाता है क्योंकि कानून अधिकार पब्लिक छीन सकती है लेकिन सरकार चाहे तो पब्लिक नहीं छीन सकती है लेकिन सरकार चाहे तो छीन सकती है और मूल अधिकार कोई भी हमसे नहीं छीन सकता है
यह मूल अधिकार समृद्ध अमेरिका के संविधान से लाया गया है इससे हम अपने संविधान के भाग 3 में जगह दिए हैं और आर्टिकल अनुच्छेद 12 से 35 तक में है संविधान में भाग तीन हमें अधिकार देता है अधिकार को फ्रांसिस भाषा में मैग्नाकार्टा कहते हैं लेकिन इसका प्रयोग पहली बार ब्रिटेन में या इंग्लैंड में हुआ था संविधान के भाग 3 को हम मैग्ना काटा के भी नाम से जानते है
This fundamental right has been brought from the constitution of the rich America. We have given it a place in part 3 of our constitution and the articles are from article 12 to 35. Part three of the constitution gives us rights. The rights were given by Francis Bhakta to the United States.
देश हित के लिए कोई आपातकालीन समय में सस्पेंड किया जाता है मूल अधिकार यह कुछ देर के लिए सस्पेंड निलंबित होगा सस्पेंड का अधिकार राष्ट्रपति को होगा लेकिन कुछ अधिकार ऐसे हैं जो किसी अधिकार को चिन्ह सकता है जैसे की तीन तलाक एक अधिकार था यह अधिकार तीन अक्षर में ही औरतों के जिंदगी को बर्बाद कर देता था हमारा मूल अधिकार 21 कहता है कि हम आपको स्वतंत्र जीने का अधिकार देते हैं लेकिन कुछ मूल अधिकार समाज के लिए धब्बा है तो उसे हमेशा के लिए बंद करने को प्रबंध करते हैं
मूल अधिकार को प्रबंधित करने का अधिकार संसद के पास होता है
यह मूल अधिकार समृद्ध अमेरिका के संविधान से लाया गया है इससे हम अपने संविधान के भाग 3 में जगह दिए हैं और आर्टिकल अनुच्छेद 12 से 35 तक में है संविधान में भाग तीन हमें अधिकार देता है अधिकार को फ्रांसिस भाषा में मैग्नाकार्टा कहते हैं लेकिन इसका प्रयोग पहली बार ब्रिटेन में या इंग्लैंड में हुआ था संविधान के भाग 3 को हम मैग्ना काटा के भी नाम से जानते है
है मूल अधिकार के रक्षक हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट होगा न्यायपालिका The protectors of fundamental rights will be the High Court and Supreme Court and the judiciary
12 से 35 तक में 6 श्रेणी है There are 6 categories from 12 to 35
अनुच्छेद 12 Article 12
यह मूल अधिकार की परिभाषा देता है कि जीवन जीने के लिए कौन से अधिकतर जरूरी है लेकिन इस पर कि कभी-कभी रोक लगाया जा सकता है
यह कहता है कि किसी व्यक्ति का मूल अधिकार है आप इसे छीन नहीं सकते लेकिन समाज को एक अच्छे ढंग से चलने के लिए कुछ नियम कानून बना सकते हैं
तो इस नियम कानून बनाने का अधिकार किसको होता है स्टेट गवर्नमेंट केंद्र सरकार लोक6ल गवर्नमेंट और कुछ जुड़ी हुई विभागों को अधिकार होता है जैसे कि एयरपोर्ट विभाग बिजली विभाग
अनुच्छेद 13 Article 13
अल्पिकरण यह कहता है कि हमारे मूल अधिकार से दूसरों को तकलीफ होता है तो हमारा मूल अधिकार नहीं है
असंगत यह कहता है कि आपका अधिकार को घटा दिया जाएगा यह कब होता है जब दूसरों को तकलीफ पहुंचना है तब यह कहता है कि आपकी आजादी है लेकिन यह आजादी तब तक है जब तक दूसरों को तकलीफ ना हो तभी तक है
अनुच्छेद 13 में ही कहा जाता है कि हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था तो अनुच्छेद 13 में कहा गया है कि जो आजादी से पहले के कुछ कानून बने थे हुए कानून अभी भी राज होंगे जैसे कि आईपीसी की धारा यह 1960 में ही बनी थी मतलब की संविधान से पहले के कानून भी लागू होंगे लेकिन वर्तमान के संविधान के बने मूल अधिकार को दिक्कत ना कर रहा हो
जैसे कि उदाहरण पर्सनल लॉ के कानून हिंदू मुस्लिम के लिए अलग-अलग होती है
अनुच्छेद 13 में कहा गया है कि सरकार ध्यान रखेंगे कि भविष्य में ऐसा कोई कानून नहीं बनेगा जो हमारे मूल अधिकार को छीन रहा हो
जब अनुच्छेद 13 आया था तो अनुच्छेद 13 को लेकर बहुत ही बड़ी बहस हुई थी
अनुच्छेद 14 Article 14
इसमें दो तरह की बातें की गई हैं
1 कानून के समक्ष समानता
2 कानून का समान संरक्षण
1.कानून के समक्ष समानता
इसे ब्रिटेन से लिया गया है
कानून के समक्ष समानता की सबसे पहले बात AV dicey ने किया था एबीडीसी एक बहुत बड़े शास्त्रीय थे
2 कानून का समान संरक्षण
से अमेरिका से लिया गया है
यही कहता है कि आप बड़े या छोटे हैं कोई गलती कर दिए हैं तो कानून आप दोनों को सजा बराबर मिलेगी लेकिन कुछ हद तक आपको उम्र के अनुसार अलग देखा जाएगा
Classification
के नाम पर जैसे कि आज तक किसी महिला को फांसी नहीं दी गई है
अनुच्छेद 15 Article 15
अनुच्छेद 15 कहता है कि कोई भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार या भारत का कोई भी व्यक्ति 5 आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है
1 धर्म
2 जाति
3 वंश
4 लिंग
5 स्थान (जन्म स्थान)
अनुच्छेद 16 Article 16
लोक नियोजन की समानता
इसमें कहता है कि सरकारी नौकरी के लिए सभी को समानता है लेकिन तीन आधार पर आरक्षण भी दिए जाएंगे वह
तीन आधार कौन-कौन से हैं
1 जाति
2 लिंग
3 स्थान
अनुच्छेद 17 Article 17
अस्पृश्यता
अनुच्छेद 17 कहता है कि अस्पृश्यता को खत्म कर दिया जाएगा छुआछूत आप जाति के आधार पर नहीं कर सकते हैं लेकिन कोई व्यक्ति संक्रामक रोग का बीमारी या मरीज है अगर आप उसके छूने से या उसके पास जाने से आपको बीमारी हो सकती है तो आप उसे बीमारी को लेकर उसे व्यक्ति से छुआछूत कर सकते हैं
अनुच्छेद 18 Article18
अनुच्छेद 18 में उपाधियों का अंत
यह भी एक प्रकार का हमारे समाज में समानता लाने की बात करता है
नेशन अवार्ड
अगर आपको कोई भारत सरकार द्वारा पुरस्कार मिला है तो आप उसको कह सकते हैं लेकिन अपने नाम में उपजाति के आधार पर जोड़ नहीं सकते हैं
Education and Ranking शिक्षा और रैंकिंग
पढ़ाई से संबंधित है किसी रैंक के पद से संबंधित आप अपने नाम के साथ जोड़ सकते हैं जैसे कि अगर डॉक्टर की पढ़ाई की हो तो डॉक्टर या आप किसी रैंक पर हैं तो आप अपने रैंक को जोड़ सकते हैं जैसे SP/DSP बाकी ऐसे बहुत से पद हैं
अनुच्छेद 14 से 18 तक में समानता की बात की गई है
Articles 14 to 18 talk about equality
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