भारत कैसे गुलाम बना?- जानिए पूरी ऐतिहासिक सच्चाई। -

भारत कैसे गुलाम बना?- जानिए पूरी ऐतिहासिक सच्चाई।

भारत कैसे गुलाम बना? – जानिए पूरी ऐतिहासिक सच्चाई

 

प्रस्तावना

भारत एक प्राचीन और समृद्ध देश रहा है, जिसकी सभ्यता और संस्कृति हजारों वर्षों पुरानी है। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब भारत विदेशी आक्रमणकारियों के अधीन हो गया और धीरे-धीरे एक गुलाम देश में बदल गया। इस लेख में हम समझेंगे कि भारत कैसे गुलाम बना, इसके प्रमुख कारण क्या थे, और किन विदेशी ताकतों ने भारत पर कब-कब शासन किया।

भारत, जो कभी विश्वगुरु कहलाता था, ज्ञान, समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक रहा है। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब यह महान देश विदेशी शक्तियों का गुलाम बन गया। भारत का गुलामी का इतिहास सदियों में फैला हुआ है, जिसमें विभिन्न आक्रमणकारी और उपनिवेशवादी शक्तियाँ शामिल रहीं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि भारत कैसे और किन कारणों से गुलाम बना।

हिन्दुस्तानियो ने लगभग 250 सालो तक अंग्रेज़ों की गुलामी और जुर्मो को सहा है। अंग्रेज़ों के अत्याचार sae लगातार लड़ते रहे। ना जाने कितने बच्चे बुड्ढे युवा ने अपनी जान की क़ुरबानी दी। तब कही जाकर हम आज़ाद देश मे सास ले रहे है और आजादी के 77 वर्ष पुरे होने पर देश में महोतशव मना सके है।भारत को पहले सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। परन्तु अंग्रेज़ों ने भारत का पूरा सोना चोरी कर अपने अपने देश ले कर चले गए।Hindustanio has endured the slavery and crime of the British for about 250 years. The atrocities of the British were continuously fighting. Do not know how many children the old youth sacrificed their lives. Then we are taking mother -in -law in the country and we have been able to celebrate the country in the country after 77 years of independence. India was also earlier called a golden bird. But the British stole all the gold of India and took them to their country.

1. भारत की समृद्धि ही बना कारण( India became the reason for the prosperity of India)-

प्राचीन भारत को “सोने की चिड़िया”

(Gold bird”) कहा जाता था। यहाँ की भूमि उपजाऊ थी, व्यापार फलता-फूलता था और ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाएँ यहाँ विकसित थीं। यही समृद्धि विदेशी आक्रमणकारियों को आकर्षित करती रही।

2. प्रारंभिक मुस्लिम आक्रमण(Preliminary Muslim invasion)-8वीं शताब्दी में मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण किया। इसके बाद महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे आक्रमणकारियों ने भारत पर बार-बार हमला किया। इन आक्रमणों ने भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामी शासन की नींव डाली।

3. दिल्ली सल्तनत और मुग़ल साम्राज्य-13वीं सदी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई। इसके बाद बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई जीतकर मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी। मुग़लों ने लगभग 300 वर्षों तक भारत पर शासन किया।

4. यूरोपीय व्यापारियों का आगमन-15वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय देश, विशेषकर पुर्तगाल, डच, फ्रेंच और ब्रिटिश, व्यापार के बहाने भारत आए। उन्होंने व्यापार के साथ-साथ भारत की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया।

 

5. अंग्रेजों का नियंत्रण कैसे बढ़ा?-1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।1757 में प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हराकर कंपनी ने बंगाल पर कब्जा किया।

धीरे-धीरे कंपनी ने भारत के अन्य हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया और 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजी सरकार ने सीधे भारत का शासन अपने हाथों में ले लिया।

 

6. भारतीयों की आपसी फूट-भारत में विभिन्न धर्म, जातियाँ और रियासतें थीं। यह विविधता, उस समय की एकता में बाधा बनी। राजाओं के बीच की आपसी फूट और अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति ने उन्हें भारत में पैर जमाने का मौका दिया।

7. शिक्षा और सोच में बदलाव-अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदल कर एक ऐसी पीढ़ी तैयार की जो मानसिक रूप से ब्रिटिश शासन को स्वीकार करती थी। उन्होंने भारतीय संस्कृति को हीन और अंग्रेजी सभ्यता को श्रेष्ठ बताया।

प्राचीन भारत की समृद्धि

भारत प्राचीन समय में विश्व की सबसे समृद्ध सभ्यताओं में से एक था। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मौर्य, गुप्त और चोल साम्राज्य तक, भारत विज्ञान, कला, वास्तुकला, व्यापार और शिक्षा में अग्रणी था। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय दुनियाभर के छात्रों को आकर्षित करते थे।India was one of the most prosperous civilizations in the world in ancient times. From the Indus Valley Civilization to the Maurya, Gupta and Chola empires, India was a leader in science, art, architecture, trade and education. From Nalanda and tehsil

लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, देश राजनीतिक रूप से कमजोर और विभाजित होता गया।

मुस्लिम आक्रमण और दिल्ली सल्तनत की स्थापना

भारत पर पहला बड़ा मुस्लिम आक्रमण 11वीं सदी में महमूद गजनवी द्वारा किया गया। इसके बाद मोहम्मद गोरी ने 1192 में तराइन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराकर दिल्ली सल्तनत की नींव रखी। इस सल्तनत ने कई सदियों तक भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया।

हालांकि, कई मुस्लिम शासक भारतीय संस्कृति में रच-बस गए, लेकिन विदेशी शासन के बीज यहीं से बोए गए।

ब्रिटिश चालाकी और सामरिक रणनीतियाँ

अंग्रेजों ने “फूट डालो और राज करो” की नीति अपनाई। उन्होंने एक राज्य को दूसरे के खिलाफ भड़काया, झूठे वादे किए, और युद्ध के बाद समझौते कर राजाओं से संधियाँ करवाईं। प्लासी की लड़ाई (1757) और बक्सर की लड़ाई (1764) के बाद बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर उनका पूरा नियंत्रण हो गया।

ईस्ट इंडिया कंपनी केवल व्यापारी संस्था नहीं रही, वह धीरे-धीरे एक शासक शक्ति बन गई।The East India Company was not just a merchant organization, it gradually became a ruling power.

1857 की क्रांति – पहला स्वतंत्रता संग्राम

1857 में मेरठ से शुरू हुई विद्रोह की ज्वाला ने पूरे उत्तर भारत को हिला दिया। इसे भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहेब, बहादुर शाह ज़फर जैसे वीरों ने ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी। हालांकि यह क्रांति असफल रही, लेकिन इसने आज़ादी की भावना को जन्म दिया।The flame of rebellion that started from Meerut in 1857 shook the entire North India. This is called India’s first freedom struggle. The heroes like Rani Laxmibai, Tatya Tope, Nana Saheb, Bahadur Shah Zafar challenged the British power. Although this revolution failed, it gave rise to a sense of freedom.

निष्कर्ष

भारत गुलाम इसलिए बना क्योंकि राजनीतिक एकता का अभाव था, समाज में गहरी असमानताएँ थीं, और विदेशी शक्तियाँ ज़्यादा संगठित और चालाक थीं। अगर भारत एकजुट होता, तो शायद इतिहास कुछ और होता। लेकिन गुलामी का यह अनुभव ही था जिसने भारत को स्वतंत्रता की कीमत समझाई और आज़ादी के लिए प्रेरित किया।

आज जब हम स्वतंत्र हैं, तो यह ज़रूरी है कि हम अपने इतिहास से सबक लें, अपनी एकता को बनाए रखें, और कभी दोबारा गुलामी की ओर न बढ़ें।Today when we are independent, it is important that we have a lesson from our history, maintain our unity, and never move towards slavery again.

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