पाकिस्तान और बलूचिस्तान में युद्ध का कारण Reason for war in Pakistan and Balochistan

पाकिस्तान और बलूचिस्तान में युद्ध क्यों हुआ और इस युद्ध का कारण क्या रहा Why did the war happen between Pakistan and Balochistan and what was the reason for this war

बलूचिस्तान Balochistan

बलूचिस्तान पाकिस्तान से दक्षिण पश्चिम में पड़ता है दो देशों से इसकी सीमा पड़ती है ईरान और अफगानिस्तान पाकिस्तान में कुल चार प्रांत हैं पंजाब खैबर पख्तूनख्वा सिंघ और बलूचिस्तान 

 

क्षेत्रफल के लिहाज से बलूचिस्तान सबसे बड़ा आबादी वाला क्षेत्र है

आबादी कुल 1 करोड़ 49 लाख है Balochistan is the most populated region in terms of area

 

Total population is 1 crore 49 lakhs

पाकिस्तान की 44 फ़ीसदी जमीन बलूचिस्तान में है

44 percent of Pakistan’s land is in Balochistan

बलूचिस्तान की आबादी पाकिस्तान की कुल आबादी से महज 5 फ़ीसदी है

बलूचिस्तान अहम क्यों है

बलूचिस्तान में तांबा कोयला सोना और यूरेनियम का बड़ा भंडार है

पाकिस्तान के कुल प्राकृतिक संसाधनों का 20% यहीं पर है 20% of total natural resources of Pakistan are located here.

 

पाकिस्तान के 3  नव सैनिक अड्डे बलूचिस्तान में है

और यहीं पर चढ़ाई में परमाणु परीक्षण कर पाकिस्तान ने परमाणु ताकत बनने का दावा किया था कि हमने परमाणु बम बना लिया है

 

पहले यह चार रियासतों में बांटा था कलात ख़ैरान लसबेला और मकरान

सबसे ताकतवर कलात था

 

1947 में जब देश बटवारा हुआ

1947 में देश बटवारा हुआ कल आपके राजा मर अहमद खान ने आजादी की मंशा रखते थे मतलब कि भारत और पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे

जिन्ना ने कल रात के राज अमीर अहमद खान का समर्थन किया फिरता हुआ कि कलात आजाद देश होगा और खरान और लसबेला का विलय कराया जाएगा

लेकिन भगवान बंटवारे के अगले ही दिन जब कलात ने आपने जब अपने आजादी का ऐलान कर दिया तो हालात बदलने लगे

 

उन्होंने उन्होंने तब कहा था कि पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते होंगे लेकिन कुछ ही समय बाद विवाद शुरू हो गया था

 

सितंबर 1947 में ब्रिटेन ने कहा था कि कलात आजाद मुल्क किस जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं है उसके बाद मीर अहमद खान ने हाथ पैर मारते रहे कुछ हो नहीं पाया 

 

27 मार्च 1948 की तारीख आया इस दिन ऑल All india radio 📻 इंडिया रेडियो पर एक खबर चली इस रोग हालात तेजी से बदलने लगे 

ऑल इंडिया रेडियोall india radio पर जो प्रसारण आया था उसमें भारत के तत्कालीन केंद्रीय सचिव VP Menon 

 

वी पी मेनन V P Menon

ने कहा था कि कलात के राजा भारत के साथ विलय चाहते हैं लेकिन हम कुछ करने के पक्ष में नहीं है

 

क्योंकि मेनन अब सरदार सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ रियासतों की विलय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे इसलिए उनके इस कथित बयान पर हंगामा होना तय था

नेहरू और पटेल ने इस कथित बयान को झूठा बताया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुके थे 

जिन्ना ने पाक पाक फौज को कलात पर चढ़ाई करने का आदेश दे दिया 

28 मार्च 1948 को मीर अहमद खान को गिरफ्तार करके कराची लाया गया वहां उनसे जबरन विलय के कागज पर हस्ताक्षर करा लिए गए On 28 March 1948, Mir Ahmed Khan was arrested and brought to Karachi, where he was forcibly made to sign the merger papers.

इस तरह बलूचिस्तान को पाकिस्तान का जबरन हिस्सा बना लिया गया

 

ज्यादातर बलोच के नागरिकों ने पाकिस्तान के इस गुंडागर्दी को कभी भी स्वीकार नहीं किया इसलिए पाकिस्तान के साजिशें का लगातार विरोध भी होता रहा

इसके बाद से 1958 1962 1973 में पाकिस्तान के सरकार में पाकिस्तान के सरकार के खिलाफ विद्रोह किया और इन्हें बेरहमी से कुचला

 

बलूचिस्तान में अगला बड़ा विद्रोह 2005 में हुआ था 

The next major insurgency in Balochistan occurred in 2005.

इस विद्रोह के दौरान नवाब अकबर खान मुफ्ती ने भी बंदूक उठाई थी

नवाब अकबर खान मुफ्ती 1950 के दशक में डिफेंस मिनिस्टर हुआ करते थे Nawab Akbar Khan Mufti was the Defense Minister in the 1950s.

1989 से 1990 के बीच बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे He had also been the Chief Minister of Balochistan between 1989 and 1990.

 

2005 में उन्होंने बलूचिस्तान के संसाधनों पर पर्याप्त हक की भी मांग की थी और अगले ही वर्ष उनकी हत्या कर दी गई थी इस हत्या की शक की सुई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तान की सेवा की तरफ गई In 2005, he also demanded adequate rights over the resources of Balochistan and was assassinated the very next year. The needle of suspicion for this murder went towards Pakistan’s intelligence agency ISI and Pakistan’s service.

नवाब अकबर खान मुफ्ती की हत्या के बाद विद्रोह की आवाज और तेजी से हो गई After the murder of Nawab Akbar Khan Mufti the voice of rebellion became louder

बलूचिस्तान के आजादी के लिए संघर्ष करने वाले संगठनों के बारे में अब जानते हैं

बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ने वाले संगठन नीचे नीचे लिखे गए हैं

  1. लश्कर – ए – बलूचिस्तान 
  2. बलोच लिबरेशन फ्रंट (B L F)
  3. बलोच सजी अजोई संगर (B R A S)
  4. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (B L A)

यह चारों संगठन बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ते रहे

पाकिस्तान और बलूचिस्तान की लड़ाई अभी भी चल रही है

इन दोनों देशों के बीच अक्सर घमासान युद्ध होते रहता है

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